Monday 21 April 2014

MISSION:
To impart knowledge to the students regarding Spirituality, Leadership, Management and Latest Technological details.

VISION:
To make India a superpower

Moral Hindi Story about Positive Thinking

साधू की झोपड़ी

किसी गाँव में दो साधू रहते थे. वे दिन भर भीख मांगते और मंदिर में पूजा करते थे। एक दिन गाँव में आंधी आ गयी और बहुत जोरों की बारिश होने लगी; दोनों साधू गाँव की सीमा से लगी एक झोपडी में निवास करते थे, शाम को जब दोनों वापस पहुंचे तो देखा कि आंधी-तूफ़ान के कारण उनकी आधी झोपडी टूट गई है। यह देखकर पहला साधू क्रोधित हो उठता है और बुदबुदाने लगता है ,” भगवान तू मेरे साथ हमेशा ही गलत करता है… में दिन भर तेरा नाम लेता हूँ , मंदिर में तेरी पूजा करता हूँ फिर भी तूने मेरी झोपडी तोड़ दी… गाँव में चोर – लुटेरे झूठे लोगो के तो मकानों को कुछ नहीं हुआ , बिचारे हम साधुओं की झोपडी ही तूने तोड़ दी ये तेरा ही काम है …हम तेरा नाम जपते हैं पर तू हमसे प्रेम नहीं करता….”

Do you really believe health is wealth?

कब तक करते रहेंगे हेल्थ को अनदेखा ?

Friends कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिसे हम जानते हैं कि हमें करना चाहिए पर फिर भी हम नहीं करते . उन्ही में से एक है . “अपनी सेहत पर ध्यान देना .”
हम कहते हैं “Health comes first” , पर हकीकत में हम इसे last preference देते हैं .
हम कहते हैं “Health is wealth”, पर जीते ऐसे हैं मानो “Wealth is health”

क्या बनाता है आपको सफल: IQ या EQ ?


“It is not the strongest of the species that survives, nor the most intelligent, but the one most responsive to change.” – Charles Darwin

कहा जाता है कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है और इस बदलती हुई प्रकृति में survive केवल वही प्राणी कर सकता है जो अपने आप को बदलाव के साथ fit या adjust कर पाए . इसका अर्थ है ‘survival of the fittest’.

Inspirational Message by a Joker in Hindi

जोकर की सीख

एक बार एक जोकर सर्कस मे लोगो को एक चुटकुला सुना रहा था। चुटकुला सुनकर लोग खूब जोर-जोर से हंसने लगे । कुछ देर बाद जोकर ने वही चुटकुला दुबारा सुनाया । अबकी बार कम लोग हंसे । थोडा और समय बीतेने के बाद तीसरी बार भी जोकर ने वही चुटकुला सुनाना शुरू किया ।

Spiritual Story in Hindi

आखिरी काम !
एक बूढ़ा कारपेंटर अपने काम के लिए काफी जाना जाता था , उसके बनाये लकड़ी के घर दूर -दूर तक प्रसिद्द थे . पर अब बूढा हो जाने के कारण उसने सोचा कि बाकी की ज़िन्दगी आराम से गुजारी जाए और वह अगले दिन सुबह-सुबह अपने मालिक के पास पहुंचा और बोला , ” ठेकेदार साहब , मैंने बरसों आपकी सेवा की है पर अब मैं बाकी का समय आराम से पूजा-पाठ में बिताना चाहता हूँ , कृपया मुझे काम छोड़ने की अनुमति दें . “

Kabir ke Dohe in hindi

कबीर दास के दोहे: 

'गाहक मिलै तो कुछ कहूं, न तर झगड़ा होय
अन्धों आगे रोइये अपना दीदा खोय

अर्थ: कोई ऐसा व्यक्ति मिले जो अपनी बात समझता हो तो उससे कुछ कहें पर जो बुद्धि से अंधे हैं उनके आगे कुछ कहना बेकार अपने शब्द व्यर्थ करना है।